Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana: कृषि में सिंचाई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। पारंपरिक तरीकों से सिंचाई करने में जहां पानी की अत्यधिक खपत होती है, वहीं आधुनिक सिंचाई यंत्रों का उपयोग पानी की बचत और फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को ड्रिप, स्प्रिंकलर, रेनगन और अन्य आधुनिक सिंचाई यंत्रों पर 65% से 90% तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की लागत को कम करना और उन्हें जल-संरक्षण के प्रति जागरूक करना है।

किन सिंचाई यंत्रों पर मिल रही है सब्सिडी?
राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana (PMKSY) के तहत निम्न सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है:
- ड्रिप सिंचाई यंत्र: 90% तक सब्सिडी।
- मिनी स्प्रिंकलर: 75% से 90% तक सब्सिडी।
- रेनगन: 65% से 75% तक सब्सिडी।
- पोर्टेबल स्प्रिंकलर: 65% से 75% तक सब्सिडी।
इन यंत्रों का उपयोग करने से किसान पानी की बचत और सिंचाई लागत में कमी कर सकते हैं, जिससे उनकी फसलों की पैदावार में वृद्धि होती है।

लघु एवं सीमांत किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी?
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana) के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को सबसे अधिक लाभ प्रदान किया जा रहा है।
- ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर यंत्र:
- लघु एवं सीमांत किसान: 90% सब्सिडी।
- सामान्य किसान: 80% सब्सिडी।
- रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर:
- लघु एवं सीमांत किसान: 75% सब्सिडी।
- सामान्य किसान: 65% सब्सिडी।
सब्सिडी की राशि उपकरण खरीदने के बाद किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर कर दी जाती है।
सिंचाई यंत्रों के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आवेदन करते समय निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड।
- खेत के कागजात (खसरा खतौनी की कॉपी)।
- बैंक पासबुक की कॉपी।
- मोबाइल नंबर।

आवेदन के लिए पात्रता और शर्तें
Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana के तहत निम्न पात्रता और शर्तें लागू होती हैं:
- किसान के पास स्वयं की जमीन होनी चाहिए।
- निजी सिंचाई की सुविधा होना अनिवार्य है।
- योजना के तहत आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाते हैं।
सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें?
योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन है। उत्तर प्रदेश के किसान uphorticulture.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान अपने जिले के उद्यानिकी विभाग में संपर्क करके भी आवेदन कर सकते हैं।
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक क्या है?
ड्रिप सिंचाई तकनीक
ड्रिप सिंचाई में पानी को पाइप और ट्यूबिंग के माध्यम से पौधों की जड़ों में बूंद-बूंद टपकाया जाता है। इसे माइक्रो-सिंचाई भी कहा जाता है। इस तकनीक से पानी की बर्बादी कम होती है और 95% से 100% पानी का उपयोग हो जाता है।
स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक
स्प्रिंकलर प्रणाली में पानी को नोजल के माध्यम से पौधों पर छिड़का जाता है, जो बारिश की बौछार जैसा अनुभव प्रदान करता है। इस तकनीक से पानी का 80% से 85% तक उपयोग होता है।

रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर: उपयोग और फायदे
रेनगन सिंचाई यंत्र
यह यंत्र फव्वारे के माध्यम से पानी का छिड़काव करता है। रेनगन से 0.5 एकड़ से 2.5 एकड़ तक जमीन की सिंचाई की जा सकती है। यह कम पानी में अधिक क्षेत्र कवर करता है।
पोर्टेबल स्प्रिंकलर
पोर्टेबल स्प्रिंकलर, जिसे हैंडहेल्ड सिंचाई प्रणाली भी कहा जाता है, सिंचाई के लिए एल्युमिनियम पाइप्स का उपयोग करता है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
किसानों के लिए इस योजना के प्रमुख लाभ
- पानी की बचत: आधुनिक तकनीकों से सिंचाई में पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है।
- सिंचाई लागत में कमी: इन यंत्रों से कम पानी और कम समय में अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जा सकती है।
- उत्पादकता में वृद्धि: फसलों की उपज में वृद्धि होती है, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ता है।
- सरकारी अनुदान: 90% तक सब्सिडी प्राप्त कर किसान सस्ते में उच्च गुणवत्ता वाले यंत्र खरीद सकते हैं।
Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana और राज्य सरकार की सब्सिडी योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। ड्रिप, स्प्रिंकलर, रेनगन जैसे आधुनिक यंत्रों का उपयोग न केवल पानी बचाने में सहायक है, बल्कि इससे फसल उत्पादन भी बढ़ता है। किसान uphorticulture.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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